Friends

Saturday 7 January 2012

कमबख्त दिल के साथ मेरा दिमाग ले गया

वो सोचने समझने की सब आग ले गया
कमबख्त दिल के साथ मेरा दिमाग ले गया

काम कोई भी ढंग से नही हो रहा है
मेरी जादूगरी के वो सब्जबाग ले गया

खुद तो गया दो जहाँ से मगर साथ अपने
तमाम गिद्ध और चीलों को काग ले गया

उसकी शक्ल के सिवा सब धुंधला दिख रहा है
वो आँखों की पुतलियों का चिराग ले गया

इसलिए रहता हूँ बेचैनी में बेचैन
वो मुस्कुराकर मन का सुरीला राग ले गया

No comments: