Friends

Monday 5 December 2011

आशु श्योराण के जन्मदिन पर विशेष

जन्मदिन पर कबूल करो मेरी दुआएं
आज से ख़ुशी आपकी गुलाम हो जाये


तंदरुस्ती पर आपका हो जाये कब्जा
फूलों की तरह आप हमेशा मुस्कुराए

दौलत-ओ-शोहरत इतनी मिले आपको
जीते जी कोई भी हिसाब ही न लग पाए

कम से कम सौ मुरादे मन की पूरी हो
ख़्वाबों ख्यालों की दुनिया संवरती जाये

बेचैन है जो आपके नाज़ ओ अंदाज़ से
खुदा उनको चैन कभी भी ना मिल पाए

कोई माँ जैसा नही खुली चुनौती है

रिश्तों के समन्दर में बहुत से मोती है
कोई माँ जैसा नही खुली चुनौती है

बज्म की असली जान तो वो बन बैठा
चुगली जिस शख्स के नाम पर होती है

जीते जी ना कम होगा यह खजाना
दर्द की दिल के पास तगड़ी फिरौती है


सुबकियों की भाषा तो वही समझेगा
अन्देरे में जिसकी आँखे नूर खोती है

सोचकर देखो मेरे नौजवान यारों
नई पीढ़ी औलाद खातिर क्या बोती है

होगा तेरा भी नाम इक दिन बेचैन
शेरों-सुखन किसके बाप की बपौती है