सफेदी जब से बालों में उतरने लगी है
अदाए नौजवानी की मुकरने लगी है
ये क्या हो रहा है दिन-ओ-दिन आदत को
दिल-ओ-दिमाग से गद्दारी करने लगी है
अदाए नौजवानी की मुकरने लगी है
ये क्या हो रहा है दिन-ओ-दिन आदत को
दिल-ओ-दिमाग से गद्दारी करने लगी है
घुटने लगता है दम महफ़िल में जाते ही
जब से तन्हाईया मुझ पर मरने लगी है
हो ना जाये कही गलतफहमी की शिकार
जरा सी बात पर भी धडकने डरने लगी है
कुछ भी बोल बेचैन सचमुच में यही सच है
जिंदगी उसके बाद से ही संवरने लगी है
जब से तन्हाईया मुझ पर मरने लगी है
हो ना जाये कही गलतफहमी की शिकार
जरा सी बात पर भी धडकने डरने लगी है
कुछ भी बोल बेचैन सचमुच में यही सच है
जिंदगी उसके बाद से ही संवरने लगी है