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Sunday 13 May 2012

तुम्हारे आगे आएगी तुम्हारी समझदारी

खासकर बेटो को है मुफ्त में मशवरा जारी
बीवी की हाजरी छोड़, करे माँ की तरफदारी

दबोच लेगी मियाँ बीवी को बाद में तो गृहस्थी
घर में बुढिया बैठी है जब तक है ऐश तुम्हारी

शौहर कमाता है दिमाग से निकाल दो फितूर
घर में बरकत है मां की दुआओं से ही सारी

मत पूछ हजाम से कितने बड़े है सर के बाल
तुम्हारे आगे आएगी तुम्हारी समझदारी

दौलत-ओ- रुतबे पर तेल छिड़क कर रख बेचैन
माँ  तो होती है बस अपनी ममता की मारी