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Saturday 6 June 2015

सचमुच मैगी जैसी ही तो थी उसकी महोब्बत

सचमुच मैगी जैसी ही तो थी उसकी महोब्बत
कैरियर की सेहत जिसने बिगाड़ी बरसो तक

मौके हज़ार दिए उसके मिजाज ने हकीकत के
मगर रहे हम भी अनाड़ी के अनाड़ी बरसो तक

जिस रुट पर हो हर एक जंक्शन जफ़ाओ का
कोई कितना खींचे वफ़ा की गाडी बरसो तक

सरकार-ओ-मौसम की साज़िश ने खदेड़ दिया
वरना खूब की थी हमने खेतीबाड़ी बरसो तक

जिम्मेदारियों ने घेर लिया हमको हरसू वरना
हम भी रहे है अहसास के खिलाड़ी बरसो तक

कैसे भूल पायेगा खंडहर जिंदगानी का बेचैन
जिसने ईंटे मेरे भरोसे की उखाड़ी बरसो तक 

पेड़ के जैसी जिंदगी किरदार में लाओ दोस्तों



हर साल अपना जन्मदिन यूं मनाओ दोस्तों
कम से कम एक पौधा जरूर लगाओ दोस्तों

सब आने वाली पीढ़िया सेहतमंद हो जाएगी
पेड़ के जैसी जिंदगी किरदार में लाओ दोस्तों

शौक है अगर गाड़ियां छाँव में खड़ी करने का
सूख रहे पेड़ पौधों तक पानी पहुँचाओ दोस्तों

हुआ हरा भरा पर्यावरण तो पंछी दुआएं देंगे
इसलिए कहता हूँ दुआ मत ठुकराओ दोस्तों

बेशक तुलसी लगा लो तुम आँगन में बेचैन
जंगली झाड़ यानी केक्टस मत उगाओ दोस्तों