मदद कर खुदा इमदाद कर भगवान
है परिवर्तन के दौर में मेरा हिंदुस्तान
अगस्त क्रांति जाने क्या रंग लाएगी
आज अटकी हुई है हर किसी की जान
वक्त की अदालत में जारी है मुकदमा
जीतेगा अन्ना या सियासत के शैतान
काश शुरू दिन से सम्भल जाता देश
केंसर बन गया रिश्प्त्खोरी का जलपान
जायज़ है आम आदमी का बेचैन होना
छू रही है महंगाई आये दिन आसमान