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Saturday 15 October 2011

वो आता हैं याद चाहे बुढ़ापे में आये


रूह से चिपक जाता हैं उतरता नहीं हैं
इश्कियां भूत जीते जी मरता नहीं हैं
कितना ही पुराना हो जख्मे-महोब्बत
पूरी तरह से यह कभी भरता नहीं हैं
लफ्जों से झलक जाता हैं हाले-दिल
चेहरा आइना हैं कभी मुकरता नहीं हैं
वो आता हैं याद चाहे बुढ़ापे में आये
यादों का नश्तर रहम करता नहीं हैं
हर आँख में हैं मौत का खौफ बेचैन
किसने कहा की वो कभी डरता नही हैं

दाम्पत्य में सुखी जीवन का साधारण सा राज़...............................

खुद को शेर समझो...
........................और.................
......................बीवी को......................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................
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शेरोंवाली .....हैप्पी करवा चौथ.....

तेरी आँख में तस्वीर अपनी क्या देखी



तन भीगने से तुमने बचा लिया बेशक
मन भिगों गई बरसात क्या करूं बता
रह रहकर ख्याल तुम्हारा ही आ रहा हैं
मेरे बस में नही ज़ज्बात क्या करूं बता
कह तो दिया तुम बिन अब जीना क्या
तुम समझते नही बात क्या करूं बता
तेरी आँख में तस्वीर अपनी क्या देखी
छुट गया आईने का साथ क्या करूं बता
तुम दे दो जवाब तो बन जाएँ लाजवाब
वरना हैं वही सवालात क्या करूं बता
इश्क लडाना आता तो बेचैन ना होता
यही पर खाता हूँ मात क्या करूं बता