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Friday 6 July 2012

पंछी की आँखों में सवालात दिखाई ना दिए

खुदगर्जी तो दिख गई हालात दिखाई ना दिए
गरीब के किसी को ज़ज्बात दिखाई ना दिए

सैयाद की भूख को तो मिल गया जवाब मगर
पंछी की आँखों में सवालात दिखाई ना दिए

ग्रांट दिलाने का वादा तो सबको दिखा मगर
विधायक के किसी को ख्यालात ना दिखाई दिए

सिर्फ वही लोग हुवे है जमाने में कामयाब
काम करते वक्त जिनको दिन रात दिखाई ना दिए

ड्राइंग रूम तो बेचैन सबको अच्छा लगा
घर में मगर केक्ट्स के जंगलात दिखाई ना दिए

कुत्ते की पूंछ में सीधापन आ जाएगा

छोड़ देगी जिस रोज शक करना लडकियाँ
कुत्ते की पूंछ में सीधापन आ जाएगा

तकदीर में लिखा है तो हाय तौबा छोड़
तेरे पास चलकर खुद धन आ जाएगा

वो बुढ़ापे में भी इश्क की बातें करेगा
मिजाज में जिसके बांकपन आ जायेगा

वो फिर पाताल में पीछा नही छोड़ेगा
अगर हुस्न का इश्क पर मन आ जायेगा

पहला शेर तुझ पर ही लिखूंगा बेचैन
शायरी का मुझे जिस दिन फन आ जायेगा