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Sunday 21 August 2011

देखे कितने नेतागण




कीड़े पड़कर मरेंगे
सड़-सड़ कर मरेंगे
देश लूटने वालो के
बच्चे लड़कर मरेंगे
सच के सामने झूठे
नाक रगड़ कर मरेंगे 
देखे कितने नेतागण
शर्म में गडकर मरेंगे
सब गालियाँ भ्र्स्तों को
बेचैन जी जड़कर मरेंगे