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Sunday 27 November 2011

वो आराम से कुत्ते पालते है

हमसे तो शौक भी नही पलता
वो आराम से कुत्ते पालते है

सलामत रहे हौसला उनका
जो गम को गेंद सा उछालते है

उम्र भर पाते है वो लोग दुख
जो बात-बात पर बातें टालते हैं

सुना है उसे शौहरत मिलती है
मछलियों को जो दाना डालते है

पूछ ही लेते है दोस्त हाल बेचैन
रिश्तेदार भला कब सम्भालते है

पीने के बाद हनुमान बन जाता हूँ

  पीने के बाद हनुमान बन जाता हूँ
अपने मोहल्ले की शान बन जाता हूँ

मैं खूब खोलता हूँ पोल पड़ोसियों की
जब सच बोलने की खान बन जाता हूँ

जब लगाते है लोग शर्त मेरे होश पर
तब मैं गीता और कुरआन बन जाता हूँ

कर के देखो मुझसे किसी बात पर बहस
नशे में जहाँ भर का मैं ज्ञान बन जाता है

देता हूँ बेचैन ऊंचाई छोटे भाई को मैं
जाम लगाकर जब आसमान बन जाता हूँ