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Friday 26 August 2011

सोच-समझके बता बताने वाले






गम कम ना करेंगे जमाने वाले
सोच-समझके बता बताने वाले
रोकर पूछ लेंगे हंस कर टाल देंगे
झूठी तसल्ली देने दिलाने वाले
पीठ पीछे तेरी भी बुराई करते है
तेरे आगे और की चुगली खाने वाले
एक बार खून के आंसू जरुर रोते है
झूठी सिफारिसों से तमगे पाने वाले
पा ही लेते है साहिल को वो लोग
होश्ला कर तूफानों से टकराने वाले
वो धोखे का शिकार होकर बैठते है
दुसरे के पेट पर लात टिकाने वाले
सुलझते ही हालात रंग दिखा देते है
झूठे रिश्ते नाते  बेचैन निभाने वाले


एक दिन खुद से टकराना होगा




जख्म जितना पुराना होगा
रूह से उतना याराना होगा
जुल्फे खोलकर चलोगी तो
तेरा कौन नही दीवाना होगा
देखा आइना तो ख्याल आया 
एक दिन खुद से टकराना होगा
भूलूंगा जब तेरी नशीली आँखें
उस दिन हाथ में पैमाना होगा
रस्सी को जिसने सांप बना दिया
वो सियासत गर्द सयाना होगा
वो ही करेंगे भरोसे से खिलवाड़
घर में जिनका आना जाना होगा
यही है बिगड़ी तबियत का इलाज
 शौक पर बेचैन काबू पाना होगा