बहुत पछताया हो वो सैयाद होकर
जब नही उडा पंछी आज़ाद होकर
जमाना साज़ियो से बावस्ता निकला
हुश्यारी दिखाई उसने उस्ताद होकर
भरोसा भी भरोसे के जितना करो
यही सीखा उसने बरबाद होकर
हंसी से कुछ तो मयस्सर हो शायद
कुछ नही पाओगे नाशाद होकर
मौत के रूबरू हुआ तो कांपने लगा
जो मकतल में रहा था जल्लाद होकर
बेचैन होकर बस मुझे देखने लगा
ना ले सका वो नाम मेरा याद होकर