Friends

Friday 23 March 2012

खुदा और बढ़ाए नूर तेरे रुखसार का

ना कम हो कभी गुलाबी रंग बहार का
खुदा और बढ़ाए नूर तेरे रुखसार का

पड़ते रहे हमेशा हंसते वक्त डिम्पल
यूं ही जले जी तुझे देखकर गुलज़ार का

हर दुआ के बाद यह दुआ मांगता हूँ
शकून मिले तुझको सारे संसार का

बस इतनी सी है उम्मीद शायरी से
असर हो उसपे किसी भी अशआर का


इश्क ने यही तो सीखाया है बेचैन
दिल देना खेल ही समझो दिलदार का