वही छिपाएगा हकीकत यारों
जिसके मन में चोर रहता हैं
वो रौब दूसरों पर ही झाड़ेगा
ना खुद पे जिसका जोर रहता हैं
नजर सभी पर शक की डालेगा
यकीं जिसका कमजोर रहता हैं
चेहरा कपड़ो की तरह बदलेगा
दिल में जिसके शोर रहता हैं
हाल बेचैन होने पर यारों
कहाँ अपनों पर गौर रहता हैं