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Sunday 31 July 2011

मैं पीता नहीं हूँ मुझे पिलाते है लोग

मेरे पहलु में जाने क्यों आते है लोग
मैं पीता नहीं हूँ मुझे पिलाते है लोग
निकालने को अपना कोई भी काम
बोतले लेकर पहुच जाते है लोग
इससे पहले की खोलू मैं अपना मुह
मुझसे पहले खुदा की कसम खाते है लोग
मन से दिल से मैं सच्चा हूँ दोस्तों
फिर भी मुझे झूठा ठहराते है लोग
जो कहता सरेआम खुद को बेचैन
उसी से चैन की उम्मीद जताते है लोग

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