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Wednesday 28 November 2012

देता है कौन साथ उमर भर किसी का

देता है कौन साथ उमर भर किसी का
बोझ खुद ही उठाना पड़ेगा जिंदगी का

अहसास रिश्ते नाते कदम भर ही चलेंगे
हाँ सदियों से तजुर्बा रहा है आदमी का

ज़ज्बात की बारिश है वादे और कुछ नही
यारो ये  दौर होता है फ़क्त संजीदगी का

समझ जाना असर रूह पर भी हो गया है
आँखों में नमी भर दे जो लम्हा ख़ुशी का

मिलेगा हर हाल में अगर किस्मत में है वो
बस बेचैन यही है इलाज़ बेकसी का



सब कुछ तुम्हारा है कही भी करिये बसेरा

ये दिल है ये दिमाग है ये जहन है मेरा
सब कुछ तुम्हारा है कही भी करिये बसेरा

कब्जा था इस रूह पर मुद्दत से किसी का
छुडवाया है मुश्किल से कर जादू का घेरा

आँखों में रहो सांसो में या धडकनों में तुम
लहू बन रगों में दौड़ने का हक़ है तेरा

ना जाने कितनी रातों से मैं मुन्तजिर था
मेरे दाता शुक्रिया किया जो तुमने सवेरा

वैसे भी जाने वालों को किसने रोका है
बेचैन आना जाना कुदरत का है फेरा