सोचता हूँ तोड़ डालू झूठे जीत हार के रिश्ते
जियादा दिन नही चलते एक तरफा प्यार के रिश्ते
आदमी की परेशानियों का यही तो सबब होता है
अपना समझता है जो होते है उधार के रिश्ते
क्यूं नही समझते जमीन को ओढने बिछाने वाले
कभी भी रास नही आते है ऊँची मीनार के रिश्ते
छुड्वाया है तेरे अहसास ने हाथों से जब हाथ
मेरी नजरो में हो चले है सब बेकार के रिश्ते
यहाँ सब हाथों की लकीरों का ही भ्रम है बेचैन
इस पार नही मिलते किसी को उस पार के रिश्ते
जियादा दिन नही चलते एक तरफा प्यार के रिश्ते
आदमी की परेशानियों का यही तो सबब होता है
अपना समझता है जो होते है उधार के रिश्ते
क्यूं नही समझते जमीन को ओढने बिछाने वाले
कभी भी रास नही आते है ऊँची मीनार के रिश्ते
छुड्वाया है तेरे अहसास ने हाथों से जब हाथ
मेरी नजरो में हो चले है सब बेकार के रिश्ते
यहाँ सब हाथों की लकीरों का ही भ्रम है बेचैन
इस पार नही मिलते किसी को उस पार के रिश्ते