दिवाली बिन तेरे कैसे मनाऊंगा बता तो दे
क्या रोने से खुद को रोक पाऊंगा बता तो दे
मार डालेगा मुझको शोर बम और पटाखों का
मैं ऐसे में कहाँ खुद को छिपाऊंगा बता तो दे
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क्या रोने से खुद को रोक पाऊंगा बता तो दे
मार डालेगा मुझको शोर बम और पटाखों का
मैं ऐसे में कहाँ खुद को छिपाऊंगा बता तो दे
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नोचे है कलेजे को तेरा गम लम्हा दर लम्हा
मिठाइयां क्या सोचकर मैं खाऊंगा बता तो दे
दिखाना था यही दिन तो क्यूं नजदीक आया था
सचमुच कसूर अपना समझ जाऊंगा बता तो दे
तुझे नही भूल पाया हूँ मुझे अ भूलने वाले
क्या उम्र भर ना मैं याद आऊंगा बता तो दे
चैन बेचैन ने माँगा था कोई दौलत नही मांगी
क्या ढंग से मैं कभी मुस्कुराऊंगा बता तो दे
मिठाइयां क्या सोचकर मैं खाऊंगा बता तो दे
दिखाना था यही दिन तो क्यूं नजदीक आया था
सचमुच कसूर अपना समझ जाऊंगा बता तो दे
तुझे नही भूल पाया हूँ मुझे अ भूलने वाले
क्या उम्र भर ना मैं याद आऊंगा बता तो दे
चैन बेचैन ने माँगा था कोई दौलत नही मांगी
क्या ढंग से मैं कभी मुस्कुराऊंगा बता तो दे