Friends

Sunday 30 September 2012

आज पीकर शराब बोतल फोड़ देता हूँ

चलो कल तक के लिए पीनी छोड़ देता हूँ
आज पीकर शराब बोतल फोड़ देता हूँ

भर आती है आँखे जब उसकी याद में
 जाम की ओर आंसुओ को मोड़ देता हूँ

जब भी लगाना होता है हिसाब तडफ का 
वक्त और आहों की गुणा जोड़ देता हूँ

हुआ है जब भी वो कभी नाराज मुझसे
मैं झट से मन्दिर की तरफ दौड़ देता हूँ

मांगनी होती है जब गलती की मुआफी
मैं बेचैन खुद के कान मरोड़ देता हूँ



मैं हिस्सा बन गया हूँ तेरी उलझन का कहते क्यूं नही


तुझे सोचकर दर्द बढ़ता है मेरे मन का कहते क्यूं नही
मैं हिस्सा बन गया हूँ तेरी उलझन का कहते क्यूं नही

जिंदगी सच बता वास्ता है तुझको तेरी ही पाकीजगी का
मैं तुझे चोर दिखता हूँ ना तेरे तन का कहते क्यूं नही

जो इल्जाम कल जमाना देगा तू आज ही दे दे तो अच्छा
मैं फायदा उठा रहा हूँ भोलेपन का कहते क्यूं नही

मेरी मुफलिसी-ओ- किरदार तेरे रुतबे आगे छोटे है
यही सबब तो है रोजाना की अनबन का कहते क्यूं नही

वैसे भी तो तुझको मर्द जात से सख्त नफरत है बेचैन
नही है भरोसा है तेरे चाल चलन का कहते क्यूं नही

हाँ समझ गया हूँ तेरी महोब्बत कितनी मीठी छूरी है

मैं झूठा मेरी तडफ झूठी सच्ची तेरी मजबूरी है
हाँ समझ गया हूँ तेरी महोब्बत कितनी मीठी छूरी है

जिस रोज मेरी प्यास तुम्हारे होठों पर पपड़ी ला देगी
तब बताना सिवा प्यार के दुनिया में क्या पाना जरूरी है

बता कोरे ज़ज्बातों के दम पर कब तक दूं खुद को तसल्ली
जी भर कर देखे बगैर मेरी प्रेम कहानी अधूरी है

तुझे कसम है तेरे ही ज़ज्बातों की मुझसे आन मिलो
मुझको लेकर अगर तुम्हारा कोई भी सपना सिन्दूरी है

हम दोनों के बीच फसाद की वही तो असली जड़ है जान
हाँ मेरे मन से तेरे मन की बेचैन जितनी दूरी है

जिंदगी ज़ुल्फ़ नही है जो फिर से संवर जाएगी

एक बार उलझी तो उलझती चली जाएगी
जिंदगी ज़ुल्फ़ नही है जो फिर से संवर जाएगी

सोच समझकर ही लीजिएगा हरेक फैंसला
सदा लिए बात कोई शर्मिंदा कर जाएगी

तुम बेशक कूच कर जाओ मेरी दिल से लेकिन
मैं देखता हूँ तुम्हारी याद किधर जायेगी

जब तलक आएगा तेरे होश को होश जान
तब तक मेरी याद खुशबू बनके बिखर जाएगी

बेचैन प्यार के सिवा कोई भी और जिक्र छेड़
दास्ताने इश्क सुन मेरी आँख भर जायेगी

प्यार जिंदा रहता है मुलाकातों के सहारे

प्यार जिंदा रहता है मुलाकातों के सहारे
बचाकर रखोगे कब तलक बातों के सहारे

मैं इसलिए निकल आया छोड़कर उसको
वो बहला रहा था मुझे ज़ज्बातों के सहारे

बेशक से कल आती आज ही आ जाए मौत
नही लेना साँस उसकी खैरातों के सहारे

जवाब नही है तकदीर में तो नही है दोस्त
गुज़ार लूँगा जिंदगी सवालातों के सहारे

खुदा के वास्ते ना कोई भी नाम दे बेचैन
इश्क रोशन नही रिश्ते- नातों के सहारे

चलो आज का काम तो चल गया शराब पीकर


चलो आज का काम तो चल गया शराब पीकर
कल वो फिर याद आयेंगे तो देखी जाएगी

सो जाऊंगा बिना खाए पिए मुह के बल पड़कर
रात को ख्वाब सतायेंगे तो देखी जाएगी

खो जाऊंगा उसकी यादों के बियाबान में
लोग उँगली उठाएंगे तो देखी जाएगी

उसको जी भर कर देखने की आरज़ू में
हम मिट भी अगर जायेंगे तो देखी जाएगी

मैं तो कभी जफा नही करूंगा बेचैन मगर
पर बेवफा कहलायेंगे तो देखी जाएगी

शक खा गया है मेरा कलेजा निकाल कर


भला क्यूं ना रोऊ अपने मौजूदा हाल पर
शक खा गया है मेरा कलेजा निकाल कर

क्या यकीं मिल जाये फिर वो चेहरा बदलकर
प्यार अगले जन्म में करूंगा देखभाल कर

हर दांव उसकी जफा के हक में जाता है
कई बार देख चुका हूँ सिक्का उछाल कर

जाने कब किस मोड़ पर हो जाये अलविदा
वो इसलिए रखता था मेरी बातें टालकर

गर आ गया है समझ में कमबख्त अच्छे से
मत रखना अब बेचैन कोई अरमां पालकर

जिस रोज उतरूंगा मैं बेवफाई पर
सौ गुना भारी पडूंगा उस हरजाई पर

वही शख्स मेरी मुखबरी कर रहा है
दिन रात लिखता हूँ जिसकी अंगडाई पर

किसके दम पर महफ़िल सजाने चला था ?
बैठा हंस रहा हूँ अपनी तन्हाई पर

दौरे-अलम में जो तमाशाबीन बने
किसलिए फक्र करूं ऐसी असनाई पर

महोब्बत का उसे देवता क्या माना ?
खूब सितम ढाता है अपनी खुदाई पर

वो ओरों पर क्या यकीं करेगा बेचैन
शक रहता है जिसे अपनी परछाई पर

तुम दोनों ही जिंदाबाद रहो

सदा सुखी रहो आबाद रहो
तुम दोनों ही जिंदाबाद रहो

कोई तरक्की करे कितनी ही
इक दूजे की बुनियाद रहो

जितने सितारे आसमान पर
आपस में उतना याद रहो

गम आये तो बाँटिये मिलकर
तुम वरना हमेशा शाद रहो

बेचैन नही होवोगे कभी
बुरे ख्यालो से आज़ाद रहो

घर में बर्तन है तो यारो टकरायेंगे जरुर


घर में बर्तन है तो यारो टकरायेंगे जरुर
थपेड़े इश्क में तकरार के आयेंगे जरुर

ना घबराकर लेना कभी कोई गलत फैंसला
वक्त के रहते गिले शिकवे मिट जायेंगे जरुर

सच्चा है अहसास अगर दोनों के दरमियान
इक दूजे के नाज़ नखरे उठाएंगे जरुर

दिलो दिमाग में मार लीजिए यह गाँठ पक्की
जहाँ वाले प्यार को गलत ठहराएंगे जरुर

गर आज नही तो तुम्हारे मरने के बाद बेचैन
तेरी याद में वो आंसू छलकायेंगे जरुर

कहते है वक्त से बड़ा मरहम नही कोई


कहते है वक्त से बड़ा मरहम नही कोई
हर जख्म भरता है बात में भ्रम नही कोई

मेरे चुटकलों पर यारों खूब हंसो मगर
मत सोचियेगा इस दिल में गम नही कोई

बिछड़कर बेशक कभी ख्वाबो में ही मिलना
पर कभी मत बोलना तेरे हम नही कोई

जिंदगी इस बार तुझे पा गया तो पा गया
वरना भटकेगी रूह अब जन्म नही कोई

सोच लिया है बची हुई सांसो ने बेचैन
सिवा तुझको याद करने अब कर्म नही कोई

जीत जाता अगर महाभारत में दुर्योदन दोस्तों


जीत जाता अगर महाभारत में दुर्योदन दोस्तों
तारीख में लिखता द्रोपदी बेचती थी तन दोस्तों

सियासतगर्दो में रही है बुरी आदत आगाज़ से
नजर आती है इन्हें अपनी पीढ़ी निर्धन दोस्तों

जनता की तरह फूट है नेताओ में भी वरना
ये सौदागर बेच डालते कब का वतन दोस्तों

कहते है कभी आसमान जमीन के करीब था
इंसानियत मरी तो ऊँचा उठ गया गगन दोस्तों

दिल महबूब-ओ-समाज के लिए बराबर धडके
थोडा समझाकर रखो अपना बेचैन मन दोस्तों

जफा की ओर मुझे तेरी हर बात ले जा रही है


उधेड़बुन में हूँ किस तरफ हयात ले जा रही है
जफा की ओर मुझे तेरी हर बात ले जा रही है

मैं चाहता तो नही था कभी उजालो से रुखसत
अफ़सोस मुझको अंधेरो में रात ले जा रही है

तेरे अहसास की नदी शायद अब नदी ना रहे
दरिया की ओर अश्को की बरसात ले जा रही है

महोब्बत पर असर दुआओं का उल्टा पड गया है
गुमनामियो में वफा अपने हालात ले जा रही है

आइन्दा से अपना ख्याल खुद ही रखना जिंदगी
मुझे बज्म से उठाकर कोई करामत ले जा रही है

बेबसी में रवानगी का दिन तक तय कर लिया है
मेरी सोच साथ अपने ज़ज्बात ले जा रही है

यकीनन खो ही जाऊंगा मैं भी जमाने की भीड़ में
खींचकर बेचैन मुझको कायनात ले जा रही है

दुआ असर लाएगी खुदा पर एतबार कर

सचमुच मेरी आरज़ू है तो इंतजार कर
दुआ असर लाएगी खुदा पर एतबार कर

नाटकबाज़ी से पर्दा अब गिरने वाला है
मेरा तब तलक खुद को थोडा तलबगार कर

तुम्हारा अपना कभी तुझसे नफरत ना करे
यकीनन चाहत है तो खरा व्यवहार कर

डूब जाएगी तेरी वफा की तमाम पूंजी
प्यार देने के मामले में ना उधार कर

तुझको रखेगा पलको पर बिठाकर बेचैन
अगर भरोसा है तो सच्चा इजहार कर

चबा डाले मुफलिसी ने बड़े बड़े हुनरमंद

उसने दिल नही सदा औकात को देखा
शायद ही कभी मेरे ज़ज्बात को देखा

इसलिए बेअसर रही मेरी पाक दुआए
खुदा ने मुझे देखकर कायनात को देखा

उसे अपनी कसमकश से ही फुर्सत ना थी
भला कब उसने मेरे ख्यालात को देखा

चबा डाले मुफलिसी ने बड़े बड़े हुनरमंद
जब झांक कर मरहूमो के हालात को देखा

वही समझेगा तुम्हारे दर्द को बेचैन
महोब्बत में जिस किसी ने मात को देखा