मुझसे मेरी जान यूं भागा मत कर
तेरे हक में उठती हुई दुआ हूँ मैं
टकटकी लगाकर देख तस्वीर मेरी
फिर बताइयेगा की कैसा हूँ मैं
अब जीते जी कैसे छुड़ाओगे पीछा
लहू बनकर तेरी रगों में रवां हूँ
ख़ुशी में बेशक मुझे याद ना कर
मगर गम की तेरे लिए दवा हूँ मैं
बेचैनी और शकुन दोनों मिलेंगे
आंसू का एक ऐसा कतरा हूँ मैं
बेवजह बेचैन मुझपर शक ना कर
रो पडूंगा बहुत ज्यादा दिलजला हूँ
तेरे हक में उठती हुई दुआ हूँ मैं
टकटकी लगाकर देख तस्वीर मेरी
फिर बताइयेगा की कैसा हूँ मैं
अब जीते जी कैसे छुड़ाओगे पीछा
लहू बनकर तेरी रगों में रवां हूँ
ख़ुशी में बेशक मुझे याद ना कर
मगर गम की तेरे लिए दवा हूँ मैं
बेचैनी और शकुन दोनों मिलेंगे
आंसू का एक ऐसा कतरा हूँ मैं
बेवजह बेचैन मुझपर शक ना कर
रो पडूंगा बहुत ज्यादा दिलजला हूँ