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Wednesday 12 October 2011

जल्दी में तो बोतल भी नही खोलता




कहते हैं लोग पीकर ड्रामा करता हूँ
दो पैग लगाते ही हंगामा करता हूँ
यूं ही गिनते हैं मुझे पीने वालों में
मैं तो शराब से रामा रामा करता हूँ
ढलते ही साँझ दोस्त खौफ खाते हैं
इल्जाम है की कारनामा करता हूँ
जल्दी में तो बोतल भी नही खोलता
जो करना हैं खरामा खरमा करता हूँ
ये तो बे-इंतिहा पिलाने वाले जाने
क्यूं बेचैन नशे में मां मां करता हूँ