Friends

Friday 3 August 2012

ना मालूम था यूं गुज़ेगी हमपे अब की साल यारों

इश्क ने हमसे सब कुछ लूटा कर डाले कंगाल यारों
ना मालूम था यूं गुज़ेगी हमपे अब की साल यारों

आँख में आंसू आहें लबों पर दिल में धुंआ सा उठता है
बेबस है बस जीने को और मरना हुआ है मुहाल यारो

ख्वाब दिखाए थे जो उसने सबके सब वो फर्जी थे
रोज पशेमा करते है अब मुझको मेरे ख्याल यारो

जो पाक महोल्ब्ब्त करते है वो खून के आंसू रोते है
कोई नही करता है उनकी आज के दिन सम्भाल यारो

चैन गंवाकर ही सीखा है हमने महोब्बत में बेचैन
अच्छी सूरत वाले ही तो बनते है जी का जंजाल यारो