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Friday 28 December 2012

सिवा यार-दोस्तों के मेरे पास क्या है

सिवा यार-दोस्तों के मेरे पास क्या है
आप ही ने तो बताया अहसास क्या है

चिल्लाते है लोग रिश्तेदार रिश्तेदार
हां नही जानता मैं ये बकवास क्या है

 की ही न हो जिसने कभी सच्ची महोब्बत
वो क्या जाने जुदाई का बनवास क्या है

मेरी जगह खुद को बिठाकर पूछ मन से
किसी की याद में तडफ और प्यास क्या है

मुद्दत हो गई बेचैन मुस्कुराये अब तो
नही जानता ख़ुशी और उल्लास क्या है

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