भला क्यूं ना रोऊ अपने मौजूदा हाल पर
शक खा गया है मेरा कलेजा निकाल कर
क्या यकीं मिल जाये फिर वो चेहरा बदलकर
प्यार अगले जन्म में करूंगा देखभाल कर
शक खा गया है मेरा कलेजा निकाल कर
क्या यकीं मिल जाये फिर वो चेहरा बदलकर
प्यार अगले जन्म में करूंगा देखभाल कर
हर दांव उसकी जफा के हक में जाता है
कई बार देख चुका हूँ सिक्का उछाल कर
जाने कब किस मोड़ पर हो जाये अलविदा
वो इसलिए रखता था मेरी बातें टालकर
गर आ गया है समझ में कमबख्त अच्छे से
मत रखना अब बेचैन कोई अरमां पालकर
कई बार देख चुका हूँ सिक्का उछाल कर
जाने कब किस मोड़ पर हो जाये अलविदा
वो इसलिए रखता था मेरी बातें टालकर
गर आ गया है समझ में कमबख्त अच्छे से
मत रखना अब बेचैन कोई अरमां पालकर
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