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Saturday 6 August 2011

कहने को तो कई चेहरों में उसका दीदार हुआ

धडकनों को आँखों को, ना किसी का इंतज़ार हुआ
उसकी बे-वफाई के बाद, ना कोई मेरा यार हुआ
चाह कर भी ना बन सका मन का मीत कोई
कहने को तो कई चेहरों में उसका दीदार हुआ

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