Friends

Saturday 6 August 2011

ऊँगली पर गिनो जब यार अपने बेचैन



ये महोब्बत ये अपनापं बरकरार रखना
दोस्त सदा दिल में यूही प्यार रखना
आभागा हूँ मुझपे आ सकती है मुश्किल
देने को मेरा साथ खुद को तैयार रखना
सच कहू तो ज़माना मेरे पीछे पड़ा है
चापलूसों से खुद को खबरदार रखना
खबर देश प्रदेश की लगती रहेगी
घर में कोई बांधकर अखबार रखना
सुना है देश छोड़ कर जा रहे हो तुम
हो सके तो ख्याल मेरा उस पार रखना
ऊँगली पर गिनो जब यार अपने बेचैन
हो सके तो नाम मेरा शुमार रखना

No comments: