मैं टूटने की हद तक टूट चुका हूँ
हो सके तो मुझे अब बिखरने मत दे
एक ही बार बनता है दर्द का रिश्ता
इस रिश्ते को बेमौत मरने मत दे
दूरिया बढाती है गलतफहमियाँ
गलतफहमी को ज्यादा निखरने मत दे
सूख जायेगा आंसुओ का समन्दर
इन आँखों को इतना झरने मत दे
पहले ही है खौफजदा जिंदगानी
और मुझको अब बेचैन डरने मत दे
No comments:
Post a Comment