कागज़ के फूलो की मुझे क्या जरूरत है
जब पहलू में महका गुलाब लिए बैठा हूँ
कोई सितारों सी चमक रखता है तो रखे
मैं दिल में अपने महताब लिए बैठा हूँ
जब पहलू में महका गुलाब लिए बैठा हूँ
कोई सितारों सी चमक रखता है तो रखे
मैं दिल में अपने महताब लिए बैठा हूँ
तू मंजिल की हद जिसे समझता है रकीब
मैं उससे आगे का ख्वाब लिए बैठा हूँ
यूं कम नही होगा मेरा नशा उम्र भर
इश्क की आँखों में शराब लिए बैठा हूँ
इसलिए नही देता तरजीह सवालों को
जवाबो का भी मैं जवाब लिए बैठा हूँ
वजूद के जिंदा रहने का यही सबब है
सच से टकराने की ताब लिए बैठा हूँ
बाकि है अभी मिलनी लानत दुनिया की
यही सोचकर जिंदा कसाब लिए बैठा हूँ
वक्त मुझे धोखा देगा तो कैसे देगा
पाई पाई का बेचैन हिसाब लिए बैठा हूँ
मैं उससे आगे का ख्वाब लिए बैठा हूँ
यूं कम नही होगा मेरा नशा उम्र भर
इश्क की आँखों में शराब लिए बैठा हूँ
इसलिए नही देता तरजीह सवालों को
जवाबो का भी मैं जवाब लिए बैठा हूँ
वजूद के जिंदा रहने का यही सबब है
सच से टकराने की ताब लिए बैठा हूँ
बाकि है अभी मिलनी लानत दुनिया की
यही सोचकर जिंदा कसाब लिए बैठा हूँ
वक्त मुझे धोखा देगा तो कैसे देगा
पाई पाई का बेचैन हिसाब लिए बैठा हूँ
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