चलो आज का काम तो चल गया शराब पीकर
कल वो फिर याद आयेंगे तो देखी जाएगी
सो जाऊंगा बिना खाए पिए नशे में पड़कर
रात को ख्वाब सतायेंगे तो देखी जाएगी
खो जाऊंगा उसकी यादों के बियाबान में
लोग उँगली उठाएंगे तो देखी जाएगी
उसको जी भर कर देखने की आरज़ू में
हम मिट भी अगर जायेंगे तो देखी जाएगी
मैं तो कभी जफा नही करूंगा बेचैन मगर
पर बेवफा कहलायेंगे तो देखी जाएगी
कल वो फिर याद आयेंगे तो देखी जाएगी
सो जाऊंगा बिना खाए पिए नशे में पड़कर
रात को ख्वाब सतायेंगे तो देखी जाएगी
खो जाऊंगा उसकी यादों के बियाबान में
लोग उँगली उठाएंगे तो देखी जाएगी
उसको जी भर कर देखने की आरज़ू में
हम मिट भी अगर जायेंगे तो देखी जाएगी
मैं तो कभी जफा नही करूंगा बेचैन मगर
पर बेवफा कहलायेंगे तो देखी जाएगी
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