Friends

Thursday 1 March 2012

चश्मे के तले आज से तेरा घर बना दिया

अब देखता हूँ लोगों की नजर कैसे पड़ेगी
चश्मे के तले आज से तेरा घर बना दिया

मुझको तो होश नही तू ही बता सच क्या है
कहते है लोग तुने मेरा बन्दर बना दिया

दिल और चेहरे से तुझे देकर विदा महबूब
तेरा पक्का ठिकाना रूह के अंदर बना दिया

तेरी हंसी सुनकर दिल में बैठा बच्चा बोल पड़ा
शुक्रिया तुमको मुझको मस्त कलंदर बना दिया

नदी तो शुरुआत से ही मीठी थी बेचैन
शक ने ही प्यार को खारा समन्दर बना दिया

No comments: