Friends

Saturday 21 January 2012

चाहने वालों की तरह तू चाहकर तो देखता

तन्हाई में गजले मेरी गुनगुनाकर तो देखता
चाहने वालों की तरह तू चाहकर तो देखता

गिर जाता कोई न कोई आंसू तेरे दामन पर
मेरी याद में पलकें झिलमिलाकर तो देखता

मेरी दीवानगी से ही तू घबराता रहा सदा
मेरा प्यार अपने डर से टकराकर तो देखता

मैं उतना पागल नही हूँ तू जितना सोचता है
समझ जाता बात प्यार से समझाकर तो देखता

जुल्फों के साथ ख्याल भी तेरे उलझे रहे सदा
सुलझा देता बेचैन जिक्र उठा कर तो देखता

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