Friends

Tuesday 24 January 2012

मिलते ही पहली फुरसत फैंसला करूंगा

तुझसे अब ना कोई शिकवा गिला करूंगा
आगे से जिंदगी मैं कम ही मिला करूंगा

जब तुझे ही नही है कोई ख़ास दिलचस्पी
किसलिए मुलाकातों का सिलसिला करूंगा

जब तय हो चुका तू नही जीत का हासिल
फिर क्यूं साथ यादों का काफिला करूंगा

हो सके तो करना मेरी बात का यकीन
मैं कही भी रहूँ तेरे लिए दुआ करूंगा

कसमकस में शायद अब न रहूँ ज्यादा दिन
मिलते ही पहली फुरसत फैंसला करूंगा

कम से कम इश्क के मामले में सीख लिया
ज़ज्बात में बहकर न किसी का भला करूंगा

अब नही गुजरूँगा अहसास के जंगल से
वादा रहा बेचैन सम्भल कर चला करूंगा

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