Friends
Sunday, 15 April 2018
Saturday, 17 February 2018
मन तन्हाई से बतिया कर बुद्ध हुआ है
जहन संग यादों का जब से युद्ध हुआ है
मन तन्हाई से बतिया कर बुद्ध हुआ है
जितना भी रोये हिज़्र में उनका नाम ले
इस रुह का कोना कोना शुद्ध हुआ है
मुमकिन नहीं फिर से मिले इस जन्म में
मुलाकात का हर रास्ता अवरूद्ध हुआ है
औकात भूल जुर्मे चाहत किया जब से
हालात तब से मुझ पे बहुत क्रुद्ध हुआ है
दिल के बदले जिसने वज़ूद दिया बेचैन
इश्क का जर्रा जर्रा उसके विरूद्ध हुआ है
मन तन्हाई से बतिया कर बुद्ध हुआ है
जितना भी रोये हिज़्र में उनका नाम ले
इस रुह का कोना कोना शुद्ध हुआ है
मुमकिन नहीं फिर से मिले इस जन्म में
मुलाकात का हर रास्ता अवरूद्ध हुआ है
औकात भूल जुर्मे चाहत किया जब से
हालात तब से मुझ पे बहुत क्रुद्ध हुआ है
दिल के बदले जिसने वज़ूद दिया बेचैन
इश्क का जर्रा जर्रा उसके विरूद्ध हुआ है
Saturday, 6 January 2018
Tuesday, 3 October 2017
Monday, 18 September 2017
Sunday, 3 September 2017
Thursday, 8 June 2017
Saturday, 3 June 2017
Wednesday, 17 May 2017
Tuesday, 16 May 2017
Thursday, 11 May 2017
Tuesday, 9 May 2017
Monday, 8 May 2017
Thursday, 4 May 2017
Wednesday, 19 April 2017
Subscribe to:
Posts (Atom)