बेशर्मी भी इतना न करो सरकार के नुमायेंदो
शर्म बची है तो डूब मरो सरकार के नुमायेंदो
लोकपाल पर पूरा देश हाय तौबा मचा रहा है
आत्मा ना गिरवी धरो सरकार के नुमायेंदो
फूटा जो घडा पाप का तो बर्बाद हो जाओगे
माल ना हराम का चरो सरकार के नुमायेंदो
देश के खातिर अन्ना ने इक सपना देखा है
उस सपने में रंग भरो सरकार के नुमायेंदो
चाहते हो अगर देश में कोई बेचैन ना हो
गरीबों के दुःख हरो सरकार के नुमायेंदो
1 comment:
hum me be abi itana sabra hai ki hum dhood me se paani nikal le paan khya kaam karega jhaya jarrot ho paani ki.har haath ki aguliya barbar nahi hot iaagar aap bechain hai to hum ghayal hai.
Post a Comment