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Friday 26 August 2011

सोच-समझके बता बताने वाले






गम कम ना करेंगे जमाने वाले
सोच-समझके बता बताने वाले
रोकर पूछ लेंगे हंस कर टाल देंगे
झूठी तसल्ली देने दिलाने वाले
पीठ पीछे तेरी भी बुराई करते है
तेरे आगे और की चुगली खाने वाले
एक बार खून के आंसू जरुर रोते है
झूठी सिफारिसों से तमगे पाने वाले
पा ही लेते है साहिल को वो लोग
होश्ला कर तूफानों से टकराने वाले
वो धोखे का शिकार होकर बैठते है
दुसरे के पेट पर लात टिकाने वाले
सुलझते ही हालात रंग दिखा देते है
झूठे रिश्ते नाते  बेचैन निभाने वाले


2 comments:

Pradeep Sheoran said...
This comment has been removed by the author.
Pradeep Sheoran said...

call me 9671904013 pradeep sheoran