दिल है की तुम्हारे वादों पर धडकने की नादानी करता है
एक तू है की तस्वीर तक देने में आनाकानी करता है
मेरे साथ मेरी महोब्बत का किस्सा अब होने भी दे खत्म
रोज बातें बनाकर मुझपे क्यूं झूठी मेहरबानी करता है
तुझसे नही चाहिए कोई भी जवाब मगर इतना सा बता दे
किसलिए मेरे सांस लेने में तू खड़ी परेशानी करता है
कुछ मत बोलियेगा तेरे चेहरे ने सब बोल दिया मेज़बान
हाँ मजबूरी में तू मेहमानों की चाय पानी करता है
ये मैं नही कहता हूँ तारीख में साफ़ साफ़ लिखा है बेचैन
वो पछताता है जो किसी के जज्बात से छेड़खानी करता है
एक तू है की तस्वीर तक देने में आनाकानी करता है
मेरे साथ मेरी महोब्बत का किस्सा अब होने भी दे खत्म
रोज बातें बनाकर मुझपे क्यूं झूठी मेहरबानी करता है
तुझसे नही चाहिए कोई भी जवाब मगर इतना सा बता दे
किसलिए मेरे सांस लेने में तू खड़ी परेशानी करता है
कुछ मत बोलियेगा तेरे चेहरे ने सब बोल दिया मेज़बान
हाँ मजबूरी में तू मेहमानों की चाय पानी करता है
ये मैं नही कहता हूँ तारीख में साफ़ साफ़ लिखा है बेचैन
वो पछताता है जो किसी के जज्बात से छेड़खानी करता है
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