कसम खाता हूँ ना संजीदा ज़ज्बात करूंगा
कल से तुम्हारी तरह फज़ुली बात करूंगा
बिना मिले ही इतनी तकलीफ दे रही हो
बता किसलिए मैं तुमसे मुलाकात करूंगा
जब मालूम हो गया मेरा देवता पत्थर है
किसलिए माथा रगड़कर मुनाजात करूंगा
इस जन्म का तो कोटा पूरा हो गया बेचैन
अब तो अगले जन्म प्यार के ख्यालात करूंगा
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