देता है कौन साथ उमर भर किसी का
बोझ खुद ही उठाना पड़ेगा जिंदगी का
अहसास रिश्ते नाते कदम भर ही चलेंगे
हाँ सदियों से तजुर्बा रहा है आदमी का
ज़ज्बात की बारिश है वादे और कुछ नही
यारो ये दौर होता है फ़क्त संजीदगी का
समझ जाना असर रूह पर भी हो गया है
आँखों में नमी भर दे जो लम्हा ख़ुशी का
मिलेगा हर हाल में अगर किस्मत में है वो
बस बेचैन यही है इलाज़ बेकसी का
बोझ खुद ही उठाना पड़ेगा जिंदगी का
अहसास रिश्ते नाते कदम भर ही चलेंगे
हाँ सदियों से तजुर्बा रहा है आदमी का
ज़ज्बात की बारिश है वादे और कुछ नही
यारो ये दौर होता है फ़क्त संजीदगी का
समझ जाना असर रूह पर भी हो गया है
आँखों में नमी भर दे जो लम्हा ख़ुशी का
मिलेगा हर हाल में अगर किस्मत में है वो
बस बेचैन यही है इलाज़ बेकसी का