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Thursday, 15 December 2011

मुझसे मेरी जान यूं भागा मत कर

मुझसे मेरी जान यूं भागा मत कर
तेरे हक में उठती हुई दुआ हूँ मैं

टकटकी लगाकर देख तस्वीर मेरी
फिर बताइयेगा की कैसा हूँ मैं

अब जीते जी कैसे छुड़ाओगे पीछा
लहू बनकर तेरी रगों में रवां हूँ

ख़ुशी में बेशक मुझे याद ना कर
मगर गम की तेरे लिए दवा हूँ मैं

बेचैनी और शकुन दोनों मिलेंगे
आंसू का एक ऐसा कतरा हूँ मैं

बेवजह बेचैन मुझपर शक ना कर
रो पडूंगा बहुत ज्यादा दिलजला हूँ