दिल के मामले में मात खा गया
हमें तो हमारा ज़ज्बात खा गया
इस कदर चालाक हैं महबूब मेरा
मिला तो काम की बात खा गया
सफर में एक छतरी थी दोनों पे
ना बरसा मौसम बरसात खा गया
करके बहाना फुर्सत न मिलने का
मेरे हिस्से की मुलाक़ात खा गया
हराम का उसे खाने की आदत थी
इसलिए वो मेरे ख्यालात खा गया
हद की भी हद होती हैं बेचैन
वो कैसे अपनी औकात खा गया