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Sunday, 16 September 2012

दिल जब महबूब के इशारों के बीच बैठा

आज मैं सच्चे कलमकारों के बीच बैठा ,,,
जज्बात में डूबे हुवे यारो के बीच बैठा

उम्मीदों से सौ गुना सफल हुआ आयोजन
शहर जब धुरंधर फनकारों के बीच बैठा ,,,

सभी को तो भा गया अंदाज़ कवि संगम का
दिल जब हमख्याल बंजारों के बीच बैठा ,,,,

लागू हो जाये देश में तो आ जाये बदलाव
दोस्तों आज ऐसे विचारों के बीच बैठा

हां बेचैन को भी उस वक्त चैन मिल गया
दिल जब महबूब के इशारों के बीच बैठा