मैं रखता हूँ तुझको जैसे जान अजीज बनाकर
तुम भी तो रखों मुझे गले का ताबीज बनाकर
कयामत तो खुदा ने उसी दिन ही कर डाली थी
तुझे भेजा था जमी पर जब ख़ास चीज़ बनाकर
सच में चारागर मैं भी ठीक होना नही चाहता
मुझको तुम रखना हमेशा अपना मरीज़ बनाकर
जमाने भर की तरफ से तुम्हारा शुक्रिया अंग्रेजों
हर मसले का हल दिया तुमने हर्फे प्लीज़ बनाकर
इसलिए नही डालता मुझ पर कोई डोरे बेचैन
मैं रखता हूँ खुद को हमेशा बदतमीज़ बनाकर
तुम भी तो रखों मुझे गले का ताबीज बनाकर
कयामत तो खुदा ने उसी दिन ही कर डाली थी
तुझे भेजा था जमी पर जब ख़ास चीज़ बनाकर
सच में चारागर मैं भी ठीक होना नही चाहता
मुझको तुम रखना हमेशा अपना मरीज़ बनाकर
जमाने भर की तरफ से तुम्हारा शुक्रिया अंग्रेजों
हर मसले का हल दिया तुमने हर्फे प्लीज़ बनाकर
इसलिए नही डालता मुझ पर कोई डोरे बेचैन
मैं रखता हूँ खुद को हमेशा बदतमीज़ बनाकर
No comments:
Post a Comment