ज़हाज़ उड़ाने का उसे काम क्या आया
व्यवहार भी कमबख्त हवाई करता है
यूं तो मिलता है मुझसे भी मुस्कुराकर
मगर पीठ पीछे वो बुराई करता है
मैं मरूंगा जब तुम समझोगे छोटे
क्यूं फ़िक्र का सौदा बड़ा भाई करता है
अपनेपन की उससे उम्मीद ना रखिये
जो शख्स रिश्तों को तमाशाई करता है
वो सूदखोर नही तो मतलबी जरुर है
पैसे की औकात से नपाई करता है
उसको ही बेवकूफ कहती है दुनिया
बिना सोचे जो शख्स भलाई करता है
जीते जी कभी भी खुल सकते है बेचैन
वक्त जिन जख्मो की तुरपाई करता है
व्यवहार भी कमबख्त हवाई करता है
यूं तो मिलता है मुझसे भी मुस्कुराकर
मगर पीठ पीछे वो बुराई करता है
मैं मरूंगा जब तुम समझोगे छोटे
क्यूं फ़िक्र का सौदा बड़ा भाई करता है
अपनेपन की उससे उम्मीद ना रखिये
जो शख्स रिश्तों को तमाशाई करता है
वो सूदखोर नही तो मतलबी जरुर है
पैसे की औकात से नपाई करता है
उसको ही बेवकूफ कहती है दुनिया
बिना सोचे जो शख्स भलाई करता है
जीते जी कभी भी खुल सकते है बेचैन
वक्त जिन जख्मो की तुरपाई करता है
1 comment:
Great....
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