हर हाल के बाद जीत की तैयारी शुरू कर
ज़हन में कामयाबी की मारामारी शुरू कर
रोटियां वो भी खाता है मत भूलना कभी
ना महोब्बत में तू इतनी हुश्यारी शुरू कर
हाथ पर हाथ रखकर बैठने से क्या मिलेगा
कमी ढूंढ़कर अपनी दूसरी पारी शुरू कर
उसने कह तो दिया मैं तुम्हारे साथ हूँ सदा
बंद अब फालतू की सोचा विचारी शुरू कर
मजदूर का बेटा आज बन गया है अफसर
तुझको काम है तो बहाल रिश्तेदारी शुरू कर
औकात नापनी है तो मेरे ज़ज्बात की नाप
लिबास देखकर ना कोई कलाकारी शुरू कर
उठ गया है माँ बाप का साया अब बेचैन
बचपना छोड़ आज से समझदारी शुरू कर
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