Friends

Saturday, 22 October 2011

जाके दरिया में गिरूंगा मैं नदी हूँ यारों



लोग कहते हैं मैं दीवाना कवि हूँ यारों
जाके दरिया में गिरूंगा मैं नदी हूँ यारों

हादसा हो या कोई बात भूलती ही नही
मैं तो इतिहास की यादगार कड़ी हूँ यारों
नही हो पा रही बंद मैं ऐसी फाइल हो गया
रोजाना तारीखों पर आके मैं खड़ी हूँ यारों
मैं अमीरों की भूख हूँ जो मिटती ही नही
गिद्ध की नजरों सी रुपयों पे गढ़ी हूँ यारों
मुझको समझेंगे वही जो भी बेचैन यहाँ
चैन वालों के लिए मैं अजनबी हूँ यारों