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Friday, 16 November 2012
सजधज कर मेरी जान जब पटाखा बन जाती है
सजधज कर मेरी जान जब पटाखा बन जाती है
अनार सी चलती है फुलझड़ी सी खिलखिलाती है
मैं फुस्स की आवाज के साथ खामोश हो जाता हूँ
मुझे बम की तरह गुस्से में जब वो धमकाती है
...
अनार सी चलती है फुलझड़ी सी खिलखिलाती है
मैं फुस्स की आवाज के साथ खामोश हो जाता हूँ
मुझे बम की तरह गुस्से में जब वो धमकाती है
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नाराजगी की सौ बात पर हकीकत तो यही है
मैं दीया हूँ उसका तो वो मेरी बाती है
मन में अँधेरा ना रहने का यही सबब है यारो
वो चिराग बन दिल की मुंडेरो पर झिलमिलाती है
मेरे हिस्से की खुशियाँ भी उसे ही मिले बेचैन
काश दिवाली पर दुआ अगर कबूल हो जाती है
See Moreमैं दीया हूँ उसका तो वो मेरी बाती है
मन में अँधेरा ना रहने का यही सबब है यारो
वो चिराग बन दिल की मुंडेरो पर झिलमिलाती है
मेरे हिस्से की खुशियाँ भी उसे ही मिले बेचैन
काश दिवाली पर दुआ अगर कबूल हो जाती है
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