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Wednesday, 31 August 2011

पैग पे पैग लिए मगर नशा नही हुआ


खूब झूमा अपने ख्वाब के साथ बैठ कर
आज पी भाई साहब के साथ बैठ कर
पैग पे पैग लिए मगर नशा नही हुआ
सीखा बहुत कुछ नकाब के साथ बैठ कर
बहुत कम लोगो को मालूम था आज
फंस गया सवाल जवाब के साथ बैठ कर
लाजिम था पीने के बाद खुशबू आये मुझमे
महसूस किया ये सब गुलाब के साथ बैठ कर
ऐसी कोई तीर मारने वाली बात नही बेचैन
देख लिया हमने जनाब के साथ बैठ कर