अल्लाह उसे जहाँ भर का सकून देना
कभी जरूरत पड़े तो मेरा खून देना
देना उलझनों को मेरे घर का पता
उसे कभी ना कोई उधेड़बून देना
जिंदगी भर उसी के हक में फैंसला हो
अ कुदरत उसे ऐसा कानून देना
उसको खूब चाहने वाले मिले मगर
कभी मुझसा ना कोई अफलातून देना
जिसको पढकर रूह झूम उठे बेचैन
उसको खतों में ऐसा मज़मून देना
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