नये साल से मेरी जान की तकदीर संवर जाए
मेरे इश्क के भगवान की तकदीर संवर जाए
जागते ही सुबह कोई खुश खबरी मिले ख़ास
मेरी महोब्बत के ईमान की तकदीर संवर जाए
बचपन से देखा ख्वाब उसका हर हाल में हो पूरा
उसके हिस्से के आसमान की तकदीर संवर जाए
झुक ना पाए पलकें जब रफ्तार बढ़े धडकनों की
दोस्तों काश दिले नादान की तकदीर संवर जाए
हालात तो नही है बेचैन फिर दुआ तो दे देता हूँ
कैसे भी मेरे हिन्दुस्तान की तकदीर संवर जाए
मेरे इश्क के भगवान की तकदीर संवर जाए
जागते ही सुबह कोई खुश खबरी मिले ख़ास
मेरी महोब्बत के ईमान की तकदीर संवर जाए
बचपन से देखा ख्वाब उसका हर हाल में हो पूरा
उसके हिस्से के आसमान की तकदीर संवर जाए
झुक ना पाए पलकें जब रफ्तार बढ़े धडकनों की
दोस्तों काश दिले नादान की तकदीर संवर जाए
हालात तो नही है बेचैन फिर दुआ तो दे देता हूँ
कैसे भी मेरे हिन्दुस्तान की तकदीर संवर जाए
2 comments:
bahut khoob bechain ji
nav varsh ki bahut bahut shubhkaamnaye
think positive
वाह शब्द ही नहीं है मेरे पास आपकी इस रचना की अंतिम पंक्तियों के लिए ...वाह
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