Friends

Monday, 10 October 2011

गजल गायक जगजीत सिंह के निधन पर एक गजल दर्द का आभास छूट गया हमसे



मखमली अहसास छूट गया हमसे
शख्स कोई खास छूट गया हमसे
ग़ज़लें दुल्हन हैं तो दुल्हा था वो
मन का विश्वास छूट गया हमसे
जब भी सुनते थे मिलता था चैन
दर्द का आभास छूट गया हमसे
कौन मिलवायेगा दिल को दिल से
रिश्तों का "पास" छूट गया हमसे
कैसे गुजरेगी जिंदगी अब बेचैन
सच्चा इखलास छूट गया हमसे







2 comments:

***Punam*** said...

मखमली अहसास छूट गया हमसे
शख्स कोई खास छूट गया हमसे

"वो दिल में बसता था हमारे,या रब !

न जाने क्या रिश्ता था हमारा उससे!!"

श्रद्धांजलि....!!

गाईड पवन भावसार said...

HUM JISE GUGUNAA NHI SAKTE,WAQT NE ASA GEET Q GAYA.....
TUMKO DEKHA TO YE KHAYAAL AAYA
ZINDAGI DHOOP TUM GHANAA SAYA.....

dil ne bahut kaha k akele safar karo-
mai kaarwaan k sath chala or lut gayaa............
SADAR NAMAN IS DARD K FARISHTE KO......